(Image Courtesy : AsiaNews) यह सामान्य परिघटना नहीं है कि पिछले हफ्ते भर के भीतर करीब 600 रंगकर्मियों , 100 से अधिक फिल्मकारों , 200 से अधिक लेखकों , 100 से अधिक विजुअल कलाकारों तथा 150 से अधिक वैज्ञानिकों ने अलग-अलग दिनों पर लगातार बयान जारी करके बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को वोट न देने की सार्वजनिक अपील की. यह भारत के बुद्धिजीवियों का एक संख्या-योग मात्र भी नहीं है , बल्कि इसे देश के शीर्ष और आला दिमागों का एक व्यापक प्रतिनिधित्व माना जाना चाहिए . अपील करने वाले ये रोशनखयाल लोग किसी एक संस्थान , एक क्षेत्र , एक भाषा , धर्म-जाति या राजनीतिक दल विशेष से ताल्लुक नहीं रखते और इनसे लाखों बुद्धिजीवियों की मौन सहमति भी है. आखिर क्या वजह है कि अमोल पालेकर , अनुराग कश्यप , एमके रैना , कोंकणा सेन शर्मा , रत्ना पाठक शाह और संजना कपूर जैसे अभिनेता-निर्देशक-फिल्मकार , गिरिश कर्नाड , अरुंधती रॉय , अमिताव घोष , नयन...