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Showing posts from January, 2017

A CRPF JAWAN POURS HIS HEART OUT IN THIS INTERVIEW

मेरा कैलेंडर बदल रहा है...

कोई नहीं जी!/ महेश राजपूत मेरा कैलेंडर बदल रहा है. पहले मेरे कैलेंडर पर एक सफाचट बूढ़े आदमी की तस्वीर थी. नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था. शरीर की हड्डियाँ दिखती थीं. छाती की साइज़ जो भी हो ५६ इंच तो हरगिज़ नहीं थी. वज़न ४०-४५ किलो हो तो बहुत हो गया. शरीर पर कपड़ो के नाम पर केवल एक धोती हुआ करती थी. किसी एंगल से खाते-पीते घर का नहीं लगता था. कहते हैं उसीने हमें आज़ादी जैसी 'बेकार सी चीज़' दिलाई. चरखा चलाकर अंग्रेजों को भगाया. अब यह भी कोई मानने की बात है? खैर, यह ७० साल पहले की बात है. यह भी कहते हैं वह शुरू से 'गरीब' नहीं था, कभी सूट पहनकर विदेश यात्रा करता था. फिर अचानक क्या सनक सवार हुई कि सूट फेंककर धोती अपना ली. कहता था कि देश में कितने लोग हैं जिनके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं हैं. अगर अमीर लोग कम कपड़े पहनें तो गरीबों का तन ढंकने में मदद होगी. यह भी कोई बात है? जाहिर है उसके पास विकास का 'कांसेप्ट' ही नहीं था. जो आदमी अपना विकास नहीं कर सकता वह भला देश का विकास कैसे करेगा? वह कहता था प्रशासकों को कोई भी फैसला करते समय समाज के सबसे पिछड़े/गरीब व्यक्ति के बारे मे

रोहित वेमुला का आख़िरी खत

गुड माॅर्निंग, जब आप यह खत पढ़ रहे होंगे मैं नहीं रहूंगा। मैं जानता हूं आप में से कुछ सचमुच मेरी परवाह करते थे, मुझसे प्यार करते थे और मेरा खयाल रखते थे। मुझे किसीसे कोई शिकायत नहीं है। मुझे हमेशा सिर्फ खुद से ही समस्याएं थीं। मैं अपनी आत्मा और अपने शरीर के बीच बढ़ते फासले को महसूस कर रहा हूं। और मैं एक शैतान बन गया हूं। मैं हमेशा लेखक बनना चाहता था। विज्ञान का लेखक, कार्ल सेगन की तरह। आखिरकार, यह इकलौता खत है जो मैं लिखने जा रहा हूं। मुझे विज्ञान, सितारों, प्रकृति से प्यार था, पर मैं लोगों से भी प्यार करता था यह जाने बगैर कि लोग कबके प्रकृति से दूर हो चुके हैं। हमारी भावनाएं दोयम दर्जे की हैं। हमारा प्यार बनावटी है। हमारे विश्वास झूठे हैं। हमारी मौलिकता बस कृत्रिम कला से वैध है।बिना चोट खाये प्रेम करना सचमुच मुश्किल हो चुका है। एक व्यक्ति का महत्व उसकी तात्कालिक पहचान और निकटतम संभावना तक सिमट गई हे। एक वोट तक। एक आंकड़ा। एक वास्तु मात्र। मनुष्य को कभी उसके दिमाग से नहीं आँका। एक ऐसी चीज़ जो स्टारडस्ट से बनी । हर क्षेत्र में, पढ़ाई में, राजनीति में, मरने में और जीने में। मैं इस तरह का ख

पृथ्वी पर आपातकाल

सिर्फ ५० सालों में नष्ट हो जायेगी मनुष्य जाति! लेखक  : एड. गिरीश राऊत  (भारतीय पर्यावरण आंदोलन) सितंबर २०१६ पूर्ण पृथ्वी के बढ़ते रिकॉर्ड तापमान का लगातार १७वां महीना था। इन महीनों में रिकॉर्डतोड़ तापमान बीसवीं शताब्दी के औसत से ०.८९ डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा था। इन १७ महीनों में तापमान पिछले वर्षों के उन्हीं महीनों की तुलना में ०.२० डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा था। पिछले वर्ष जून से इस साल के जून तक एक साल में पृथ्वी के औसत तापमान में ०.२४ डिग्री सेंटी की वृद्धि हुई है। जनवरी १९८५ से अब तक ३७० महीनों में हर महीने अधिकतम तापमान बीसवीं शताब्दी के पृथ्वी के औसत तापमान से ज्यादा था। फरवरी, मार्च में लू से अलास्का में २० लाख हेक्टर ध्रुवीय वन शहरी इमारतों समेत जल गया। संदर्भः वैश्विक मौसम संगठन, अमेरिका के नासा, और राष्ट्रीय महासागर एवं वातावरण प्रशासन की रिपोर्ट। वातावरण में कार्बन डाय ऑक्साईड, मिथेन और अन्य दूषित गैसों का प्रमाण तेजी से बढ़ रहा है। सन् १९९७ के क्योटो प्रोटोकाल के उद्देश्य पूरे नहीं किये जा सके हैं। पृथ्वी पर सभी जगह वातावरण में कार्बन ने ४०० पीपीएम प्रमा

२,००० के नोट का छुट्टा!

सरकार ने माना है कि २,००० रुपये का नोट लाने से थोड़ी परेशानी हुई है. एक कैबिनेट पेपर में कहा गया है, "इस बड़े नोट के लिए अक्सर छुट्टा नहीं मिलता और इसे हल करने के लिए हम २,००० के नोट का तुरंत प्रभाव से विमुद्रीकरण प्रस्तावित करते हैं. कृपया इन्हें जमा कराएं और आप अपना पैसा प्रति दिन दो सिक्के प्रति व्यक्ति की सीमा के साथ, १ रुपये के सिक्कों में ले सकते हैं. इससे आतंकवाद, पशु क्रूरता और पार्किंग की समस्याएं समाप्त हो जायेंगी." आरबीआई गवर्नर ने अपनी अधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा है, "बिलकुल, यक़ीनन." साभार: आकार पटेल के "मुंबई मिरर" के १३ जनवरी २०१७ के अंक में प्रकाशित साप्ताहिक स्तम्भ "माय बैड" में "आइडियाज दैट कैन 'हिट' यू इन २०१७" शीर्षक से छपे लेख में से 

७वां यशवंत अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव २० जनवरी से

मुम्बई: सातवां यशवंत अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव २० जनवरी से २७ जनवरी तक यहाँ के चव्हाण सेंटर में आयोजित किया जाएगा. यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान, मुम्बई, पुणे फिल्म फाउंडेशन, मुम्बई विश्वविद्यालय और महाराष्ट्र सरकार की ओर से आयोजित इस फिल्मोत्सव में लगभग ७५ फ़िल्में दिखाई जाएंगी. फिल्मोत्सव के उद्घाटन समारोह में अभिनेता पंकज कपूर को अर्थपूर्ण सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया जायेगा जबकि  निर्देशक आशुतोष गोवारिकर स्मिता पाटिल स्मृति व्याख्यान देंगे. मास्टर क्लास चिली के कंपोजर जॉर्ज अर्रिअगाडा देंगे.  फिल्मोत्सव के लिए रजिस्ट्रेशन चव्हाण सेंटर में कराई जा सकती है और फिल्मोत्सव की  वेबसाइट www.yiffonline.com पर ऑनलाइन भी कराई जा सकती है.