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Showing posts from July, 2018

"पाकिस्तान टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन आपका स्वागत करता है!"

रविवार की दोपहर थी। बिल्डिंग के कंपाउंड में क्रिकेट खेलने के बाद नौ वर्षीय चुन्नू और सात वर्षीय मुन्नू घर लौटे तो उन्होंने देखा पापा किचन में ऑमलेट बना रहे हैं और मम्मी लैपटॉप पर कुछ काम कर रही हैं। आज सन्डे के दिन खाना बनाने का टर्न पापा का था और उन्हें ऑमलेट के अलावा कुछ और बनाना आता ही नहीं था। दोनों में आँखों-आँखों में कुछ इशारेबाजी हुई और चुन्नू ने लीड लेते हुए पापा को डिस्टर्ब करने का जोखिम लिया। उसने पूछा, "पापा, यह पाकिस्तान किस चिड़िया का नाम है?" पापा बोले, "बेटा, पाकिस्तान कोई चिड़िया नहीं, एक देश है, हमारा पड़ोसी देश है।" अबकी मुन्नू ने सवाल किया, "पापा, पाकिस्तान बहुत बुरी जगह है क्या?" पापा ने कहा, "नहीं तो। कोई देश उतना ही बुरा या अच्छा होता है जितने उसके लोग, और मेरी राय में आम पाकिस्तानी हमारे जैसे ही अच्छे लोग होते हैं...." चुन्नू बात काटते हुए बोला, "पापा, आप तो बोर करने लगते हो। सीधे बोलो न बुरा देश नहीं है।" पापा ने कहा, "ओके। पर तुम लोग आज अचानक यह क्यों पूछ रहे हो?" चुन्नू बोला, "पापा, ह

यह गलत बात है!

(डिस्क्लेमर: इस लेख में शब्द मेरे हैं पर भावनाएं सत्तारूढ़ पार्टी के एक नेता की हैं। दरअसल हुआ यूं कि अपनी ट्रोल आर्मी के सदस्यों (यह मेरे शब्द हैं, उन्होंने 'सोशल मीडिया एक्टिविस्ट्स' लिखा था) से उन्होंने एक भावुक अपील की। मुझे लगा इस अपील को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाना चाहिए इसलिए यहाँ पेश कर रहा हूँ।) प्रिय सोशल मीडिया एक्टिविस्ट बंधुओं, पहले तो मैं आप लोगों की तारीफ़ करना चाहूँगा कि आप सोशल मीडिया पर देश, धर्म और समाज से जुड़े ज्वलंत मुद्दे उठाते रहते हो और जनता को जागरूक करते रहते हो। आप जो सवाल उठाते हो वह गंभीर और बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। बस, आपकी भाषा ज़रा गड़बड़ है। आप ही बताइये, सोशल मीडिया पर संवाद करते समय भाषा में क्या अश्लीलता, नफरत और हिंसा को उचित ठहराया जा सकता है? आपका बड़ा भाई होने के नाते मैं कहूँगा, "नहीं ठहराया जा सकता।" यह गलत बात है! ख़ास कर तब तो बिलकुल नहीं जब ऐसी भाषा का इस्तेमाल अपनों के खिलाफ ही किया जाए। क्या गैरों की कमी है जो हम अपनों को निशाना बनाएं? मित्रो, आपको यह तो सोचना चाहिए कि हमारे सुप्रीम लीडर आपको फॉलो करते हैं