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Showing posts from April, 2020

लाभार्थी मीडिया का फेक न्यूज़ फैलाते पकड़े जाना, बिग बॉस के 'डैमेज कंट्रोल स्कवाड' का सक्रिय होना!

'डैमेज कंट्रोल स्कवाड' की गोपनीय वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक हुई। मामला संगीन था। बिग बॉस के 'फेक न्यूज़' विरोधी अभियान का शिकार लाभार्थी मीडिया ही हो गया था। लाभार्थी मीडिया ने बिग बॉस से, इससे पहले कि बहुत देर वाली देर हो जाये, कुछ करने को कहा था। बिग बॉस ने 'डैमेज कंट्रोल स्कवाड' को निर्देश दिया, जिसके नतीजतन यह बैठक हुई। अपनी जान पर खेलकर आपका यह खादिम उस अति गोपनीय बैठक का एक्सक्लुज़िव ब्यौरा लाया है: बिग बॉस का प्रतिनिधि : कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम में से कई 'लक्ष्मण रेखा' से बंधे हैं और बोर होकर भी घरों में रहकर, जैसा कि साहब का आदेश है, अपना फर्ज निभा रहे हैं। इसलिये जो कहना है जल्दी कहें, टू द प्वाइंट कहें, हमें बैठक जल्दी समाप्त कर बोर होने का महत्वपूर्ण काम करना है। एक लाभार्थी मीडिया संस्थान का प्रतिनिधि : सर, ये पुलिस तो हमारे पीछे पड़ गई है। हमारी न्यूज़ को फेक बताकर हमें जलील कर रही है! बिग बॉस का प्रतिनिधि: क्या आप फेक न्यूज़ नहीं चला रहे थे? प्रतिनिधि: सर, न्यूज़ तो फेक निकली पर हमने ऐसा इंटेंशनली नहीं किया था। बिग ब

फेक न्यूज के शोर में सरकार के जोर का सच

विडंबना है कि ये दोनों बातें पिछले सप्ताह ही एकसाथ सामने आईं। एक तरफ केंद्र सरकार अदालत में सोशल मीडिया में पसरे फेक न्यूज का हवाला देकर मीडिया पर प्री-सेंसरशिप लादना चाहती दिख रही थी और दूसरी तरफ केंद्र सरकार निजामुद्दीन मर्कज में तबलीग को लेकर मुस्लिमों के खिलाफ सोशल मीडिया में धड़ल्ले से फैलायी जा रही और नफरत भड़काने वाली फेक न्यूज की अनदेखी कर रही थी। कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए भारत में बिना सोचे-समझे 21 दिवसीय लॉकडाऊन करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 24 मार्च की आकस्मिक घोषणा के बाद इसके परिणामस्वरूप अचानक बेरोजगार, बेघर हुए भूखे-प्यासे माइग्रेंट (प्रवासी ) मजदूर जब परिवहन व्यवस्था ठप होने के कारण पैदल ही महानगरों और अन्य शहरों से अपने गांवों की तरफ जाने लगे तो उनकी दशा की हृदयविदारक सचित्र खबरें मीडिया के एक हिस्से में आईं। उनमें से कम से कम 30 लोगों की जान चली जाने  की भी खबरें आईं। इस दौरान प्रवासी मजदूरों को राहत दिलाने  की एक  याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गई। याचिका के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को एक आदेश जारी किया , जिसमें सभी