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Showing posts from February, 2017

'विकास' काले विपरीत बुध्दि?

शेखचिल्ली को मूर्ख करार दिया गया क्योंकि वह एक पेड़ की उस डाल को काट रहा था जिस पर वह बैठा था । मुंबई और महाराष्ट्र के प्रशासकों को क्या कहा जाए जो मुंबई जैसे कंक्रीट के जंगल की लाइफलाइन माने जाने वाले पेड़ों को काट रहे हैं वह भी मेट्रो की कोलाबा से सीप्ज़ (अँधेरी) के बीच मेट्रो लाइन बिछाने के लिए । यह मज़ाक की बात नहीं है क्योंकि पांच हज़ार से ज़्यादा पेड़ों को काटा जाने वाला है । ऊपर से तुर्रा यह कि काटे जाने वाले कुछ पेड़ों पर उक्त बोर्ड लगाया गया है, जिसमें पेड़ काटने का विरोध करने पर कानूनी कारवाई करने की धमकी दी गयी है । क्या ऐसे ही मामलों के लिए नहीं कहा गया विनाश सॉरी विकास काले विपरीत बुध्दि!

पांच-दिवसीय पटकथा लेखन कार्यशाला १ मार्च से

मुम्बई: व्हिसलिंग वुड्स और स्क्रीन राइटर्स एसोसिएशन मिलकर १ मार्च से ५ मार्च तक एक पटकथा लेखन कार्यशाला का आयोजन व्हिसलिंग वुड्स, मुंबई में कर रहे हैं. कार्यशाला के मुख्य संचालक वरिष्ठ फिल्म लेखक अंजुम राजाबली (द्रोहकाल, गुलाम, राजनीति) होंगे. उनके साथ जयदीप साहनी (चक दे इंडिया), शकुन बत्रा (कपूर एंड संस), गौरी शिंदे (डिअर ज़िन्दगी), जूही चतुर्वेदी (पीकू), अश्विनी अईयर तिवारी (निल  बट्टे सन्नाटा), श्रीराम राघवन (बदलापुर), श्रीधर राघवन (दम मारो दम), निखिल मेहरोत्रा (दंगल) और श्रेयस जैन (दंगल) नए लेखकों का मार्गदर्शन करेंगे. कार्यशाला में पटकथा लेखन के उपयोगी सिध्दांतों, नवरस थ्योरी, भारतीय पौराणिकी, कॉपीराईट लॉ, लेखकों के अनुबंध आदि पर मार्गदर्शन किया जाएगा. कार्यशाला में हिस्सा लेने के लिए स्क्रीन राइटर्स एसोसिएशन के सदस्यों के लिए शुल्क ८,५०० रुपये है, जबकि गैर सदस्यों के लिए ११,००० रुपये.

कश्मीर की भयावह सच्चाई को सामने लाता वृतचित्र 'खून दिय बारव'

         इफ्फत फातिमा का वृत्त चित्र 'खून दिय बारव'   (खून अपना निशान छोड़ता है) देखने का मौका मिला. कोई योजना नहीं थी. बृहन्मुंबई यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (बीयूजे) के कार्यालय में था जहाँ फिल्म की स्क्रीनिंग हुई. लगभग ९० मिनट का वृतचित्र कश्मीर में  गायब हो गए  हज़ारों लोगों के परिजनों की व्यथा को दर्शाती है. फिल्म देखकर अहसास होता है कि 'एसोसिएशन ऑफ़ पेरेंट्स ऑफ़ डिसअपियर्ड पर्सन्स' कैसे लगातार बिना थके, बिना रुके प्रदर्शनों और याचिकाओं का सिलसिला जारी रख मूवमेंट की मशाल जलाए हुए है और इस कोशिश में लगी हुई है कि स्थानीय या केंद्रीय सत्ता चाहे भी तो भूल न सके. ८००० से १०,००० लोग (अधिकतर युवा) कश्मीर में  गायब  हो चुके हैं. इन्हें सशस्त्र बलों और पुलिस वाले कई साल पहले घरों से पकड़कर  ले  गए थे और वह वापस नहीं लौटे. ९० के दशक के अंत में जब कश्मीर में अलगाववाद चरम पर था, गुमशुदगी के मामले बढ़ गए थे. इनके परिजन आज भी इनके लौटने का इंतज़ार करते हैं और समय-समय पर पब्लिक पार्क में मिलकर प्रदर्शन करते हैं. इस दौरान उनके हाथों में होती हैं तख्तियां, गुमशुदा परिजनों की तस्

उत्तरप्रदेश चुनाव: एक अपील " इंडिया दैट इज भारत " के सभी लोगों की तरफ से

मित्रो,उत्तरप्रदेश विधानसभा के नए चुनाव के लिए सात चरणों में मतदान होने जा रहा है।यह चुनाव इस राज्य और देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसबार के चुनाव का सीधा असर देश की भावी राजनीति पर पड़ेगा। हम सभी मतदाताओं, खासकर यूपी के छात्र-छात्राओं और बुद्धिजीवियों-साहित्यकारों से अपील करते हैं कि वे अपने मत का - लोकतंत्र की रक्षा और फासीवादी ताकतों को हराने के लिए इस्तेमाल करें।मित्रो, इसबार के यूपी विधानसभा चुनाव में आपका एक-एक वोट कीमती है, आरएसएस के नेतृत्व में भाजपा और सभी रंगत की प्रतिक्रियावादी ताकतें चुनाव मैदान में हैं,इन ताकतों ने इस चुनाव को मोदी सरकार की नीतियों के पक्ष में जनमत संग्रह बना दिया है। जैसाकि आप सभी जानते हैं देश इस समय गंभीर आर्थिक-राजनीतिक-सांस्कृतिक संकट से गुजर रहा है।इस संकट को नई बुलंदियों तक नोटबंदी के फैसले ने पहुँचा दिया है।इस एक फैसले के कारण यूपी के लघु और मझोले उद्योगों में काम करने वाले लाखों लोगों की नौकरियां चली गयीं,सभी स्तरों पर निर्माण कार्य ठप्प हो गया,किसानों को अपनी उपज की चीजों को औने-पौने दामों पर बेचना पड़ा,इसके कारण लाखों किसान पामाल हो

गाँधी फिल्म्स फाउंडेशन की लघु फिल्म प्रतियोगिता

मुंबई: गाँधी फिल्म्स फाउंडेशन ने महात्मा गाँधी के मूल्यों जैसे ईमानदारी, सादगी और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए एक लघु चित्रपट प्रतियोगिता का आयोजन किया है. महात्मा गाँधी की पुण्य तिथि ३० जनवरी को इस प्रतियोगिता की घोषणा की गयी जिसके तहत गांधीजी के मूल्यों को दर्शाती १० मिनट की एक फिल्म/वृतचित्र बनाने का आह्वान किया गया है. फिल्म/वृतचित्र किसी भी भाषा में हो सकता है. फिल्म/वृतचित्र इस साल ३० अप्रैल तक जमा किया जा सकता है. प्रतियोगिता विजेताओं के लिए प्रथम पुरस्कार २५,००० रुपये, द्वितीय पुरस्कार १५,००० रुपये और तृतीय पुरस्कार १०,००० रुपये है. चुनिन्दा फिल्मों को एक समारोह में प्रदर्शित किया जाएगा और प्रमोट किया जाएगा. प्रतियोगिता में देश भर से किसी भी उम्र के किसी भी पेशे या कार्य से जुड़े लोग और छात्र भी हिस्सा ले सकते हैं. प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है. प्रतियोगी अपनी फिल्म/वृतचित्र की दो डीवीडी गाँधी फिल्म्स फाउंडेशन, मणि भवन, मुंबई भेज सकते हैं. उन्हें इसके साथ-साथ लिखित में देना होगा कि यह कृति उनकी मौलिक कृति है और किसी तृतीय पक्ष के कॉपीराईट का उ

गुलज़ार फिल्मोत्सव

मुंबई:  गीतकार, लेखक और फिल्मकार गुलज़ार के प्रशंसकों के लिए एक खुशखबरी है. गिरगांव चौपाटी स्थित भवन में ६ फरवरी से १० फरवरी के बीच गुलज़ार फिल्मोत्सव का आयोजन किया गया है. भारतीय विद्या भवन और सिने सोसाइटी मिलकर इसका आयोजन कर रही हैं. इसमें गुलज़ार साब की पांच फिल्मों परिचय, माचिस, कोशिश, मेरे अपने और आंधी का प्रदर्शन किया जाएगा. प्रतिदिन शाम सवा छह बजे फिल्म का प्रदर्शन होगा. प्रवेश नि:शुल्क है और पास भवन पर ३ फरवरी से सुबह १०.०० बजे से शाम ६.०० बजे तक प्राप्त किये जा सकते हैं. एक व्यक्ति को किन्हीं ३ फिल्मों के २ पास मिलेंगे.