Skip to main content

Posts

Showing posts from August, 2017

धारावाहिकों ने साहित्य को जन जन तक पहुंचाने का काम किया है

  इस सत्र के अध्यक्ष श्री कुंदन शाह जी , वक्ता श्री विष्णु खरे जी, श्री राम गोविंद जी , श्री अनंद देसाई जी और डाक्टर प्रज्ञा शुक्ल जी । मुझे विषय दिया गया है साहित्य की लोकप्रियता में धारावाहिकों की भूमिका। मैं इस विषय पर अपना नज़रिया पेश करने की कोशिश करूंगा।     मेरा यह  मानना है कि साहित्य की लोकप्रियता में धारावाहिकों की बड़ी भूमिका रही है। धारावाहिकों ने साहित्य को जन जन तक पहुंचाने का काम किया है। ऐसे लोग जिनकी भाषा की समस्या या किताबों की अनुपलब्धता या किसी अन्य कारण से साहित्य तक पहुंच नहीं हो पाती, उन तक साहित्य को पहुंचाने का काम धारावाहिकों ने किया है। श्रेष्ठ साहित्यिक रचनाओं पर बने कुछ धारावाहिकों का जिक्र करते हुए मैं अपनी बात रखना चाहता हूं.   1.भारत एक खोज- पंडित जवाहरलाल नेहरू की किताब .. डिस्कवरी आफ इंडिया पर आधारित ये धारावाहिक जानेमाने निर्देशक श्याम बेनेगल ने बनाया था। वर्ष 1988 में इसका प्रसारण दूरदर्शन पर हुआ था। इसमें नेहरू की भूमिका रोशन सेठ ने निभाई थी । ओम पुरी और टाम अल्टर जैसे नामी कलाकारों ने इसमें अभिनय किया था। भारत के इतिहास और तानेबाने

उप-कुलपति महोदय, टैंक देशभक्ति नहीं विध्वंस का स्मारक है!

जेएनयू के उप-कुलपति श्री एम. जगदीश कुमार की मांग सुनने के बाद से मन में एक सवाल उठ रहा था कि छात्रों को सेना के युद्धक टैंक अधिक प्रेरणा दे सकते हैं या हमारे महापुरुष और उनके रचे ग्रंथ ? उप-कुलपति यह भूल गए कि वह जेएनयू के कुलगुरु भी हैं और भारतीय वांङमय में कुलगुरु को छात्रों के लिए ब्रह्मा , विष्णु , महेश्वर और साक्षात्‌ परब्रह्म ही बताया गया है। हालांकि इस सवाल का जवाब कुछ दिन बाद ही मिल गया जब उनकी मांग का समर्थन करते हुए भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान ज़ोर देकर कहा कि जेएनयू के छात्रों को राष्ट्रभक्ति की शपथ लेनी ही चाहिए। माना कि युद्धक टैंकों से कई शांतिपूर्ण काम भी लिए जा सकते हैं। मसलन , हमने ऐसी कई तस्वीरें देखी हैं जिनमें टैंकों पर बिठाकर लोगों को दुर्गम रास्ते पार कराए गए , मुस्कुराती हुई महिलाओं और बच्चों को टैंक पर सैर करवा कर उन्हें रोमांच से भर दिया गया। लेकिन ये अपवाद हैं। दुनिया भर में युद्धक टैंक भय का संचार करने और दमन का प्रतीक ही रहा है। टैंकों से इलाके फतह किए जाते हैं ; विद्रोह कुचले जाते हैं। दुश्मन की जीती हुई ज़मीन पर इन

बीजेपी हरियाणा अध्यक्ष के बेटे की करतूत बयान करती पीडिता की फेसबुक पोस्ट

चंडीगढ़ की सड़क पर मैं कल रात किडनैप होने से बाल-बाल बची! इतना कहने के बाद सबसे पहले मैं चंडीगढ़ पुलिस की बेमिसाल दक्षता और बेहद परेशानी भरे हालात में किये मेरे फ़ोन पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहूंगी। उन्होंने लगभग व्यवस्था में मेरा विश्वास रिस्टोर कर दिया । मैं सेक्टर-8 मार्किट से लगभग रात के 12.15 बजे ड्राइव कर रही था और एक पेट्रोल पंप के पास सड़क पार कर सेक्टर-7 में क्रॉस किया था। मैं एक मित्र के साथ फ़ोन पर भी थी और लगभग एक मिनट बाद मैंने महसूस किया कि एक कार मेरा पीछा कर रही थी। यह एक सफ़ेद एसयूवी थी और मैंने जैसे उसे देखा, कार करीब आई और मेर्री कार के साथ-साथ चलने लगी। अब मैं सेक्टर-7 में थी, और सेक्टर-26 में सैंट जॉन स्कूल के बाद के सिग्नल की तरफ बढ़ रही थी। एसयूवी में दो लड़के थे और दोनों आधी रात को एक अकेली लड़की को तंग करने का मज़ा लेते दिख रहे थे। यह देखते हुए कि उनकी कार कितनी लहरा रही थी, मुझे डराने के लिए काफी था कि कार मेरी कार से टकरा सकती थी। अब तक मैं पूरी तरह सतर्क हो चुकी थी और थोड़ी घबराई हुई भी थी इसलिए मैंने सैंट जॉन स्कूल ट्