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Showing posts from February, 2019

नफरत के अंधेरों में अमन की रौशनी की किरण हैं गुरमेहर

गुरमेहर कौर फिर चर्चा में हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले के बाद लंदन में बीबीसी उर्दू सेवा के टीवी शो सैरबीन में मेहमान के तौर पर शिरकत करते हुए उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर कहा, “लंदन पहुंचकर जब मैंने फोन देखा तो पुलवामा हमले के बारे में पता चला। सबसे पहले मेरे मन में शहीदों के परिवारवालों का खयाल आया। उन्हें मैं सलाम करना चाहूंगी। भारत और पाकिस्तान के बीच शंति कायम करने की चर्चा के बीच ऐसे हमले दिल तोड़ देते हैं और एक उम्मीद हमसे छिन जाती है।“ इसके बाद उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच शांति के लिए डटे रहना बहुत जरूरी है। चुनाव से ठीक पहले हुए पुलवामा हमले का देश की सियासत पर कोई फर्क पड़ेगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह दिख ही रहा है कैसे राजनेता इस हादसे का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसी घटनाओं से समाज में गुस्सा और नफरत बढ़ती है। इस्लाम और पाकिस्तान को एक समझा जाने लगता है। इससे अल्पसंख्यकों की तकलीफें बढ़ती हैं। नेता इस विभाजन का फायदा लेते हैं।“ सबसे महत्वपूर्ण बात उन्होंने कही कि शहीदों के बच्चों और उनके परिवार को न्याय तभी मिल सकता है जब हिंसा समाप्त होगी। अ...

एक लड़की को...' देखी तो ऐसा लगा...!

पढ़ने वालों के लिये चेतावनी: यह कोई टिपीकल फिल्म समीक्षा नहीं है पर अगर आप फिल्म देखना चाहते हैं तो आगे न पढ़ें। आपका मज़ा किरकिरा हो सकता है। यहां बस इस फिल्म को देखने के बाद पटकथा और प्रस्तुतिकरण के बारे में मन में आये कुछ उलटे-सीधे विचार यहां पेश करने की कोशिश की गई  है... फिल्म के विषय वस्तु के साथ समस्या नहीं है। दो लड़कियों के बीच प्रेम कहानी है, जो अनकन्वेंशनल होने के कारण दिलचस्प फिल्म हो सकती थी लेकिन प्रस्तुतिकरण इतना 'बॉलीवुडिश' है कि फिल्म उस तरह से दिल को छू नहीं पाती। हालांकि कथित मुख्यधारा की यानी बॉलीवुड फिल्मों में समलिंगी किरदार पहले भी आये हैं पर वह अधिकतर कैरीकैचर होते हैं और प्रमुख किरदार नहीं होते ऐसे में एक पूरी फिल्म के केंद्र में दो लड़कियों की प्रेम कहानी हो तो अपने आप में यह एक अनूठी या हटके बात हो जाती है। फिल्म का सकारात्मक पहलू विषय ही है जो संवेदनशील है और एलजीबीटी समुदाय को नकारात्मक नजरिये से पेश नहीं करता या उनका मज़ाक नहीं उड़ाता  पर जैसाकि ऊपर मैंने कहा है, समस्या पटकथा और प्रस्तुतिकरण के साथ है, जिससे यह बेहद साधा...