'डैमेज कंट्रोल स्कवाड' की गोपनीय वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक
हुई। मामला संगीन था। बिग बॉस के 'फेक न्यूज़' विरोधी अभियान का शिकार
लाभार्थी मीडिया ही हो गया था। लाभार्थी मीडिया ने बिग बॉस से, इससे पहले
कि बहुत देर वाली देर हो जाये, कुछ करने को कहा था। बिग बॉस ने 'डैमेज
कंट्रोल स्कवाड' को निर्देश दिया, जिसके नतीजतन यह बैठक हुई। अपनी जान पर
खेलकर आपका यह खादिम उस अति गोपनीय बैठक का एक्सक्लुज़िव ब्यौरा लाया है:
बिग बॉस का प्रतिनिधि : कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम में से
कई 'लक्ष्मण रेखा' से बंधे हैं और बोर होकर भी घरों में रहकर, जैसा कि साहब का आदेश है, अपना फर्ज निभा रहे हैं। इसलिये जो कहना है जल्दी कहें, टू
द प्वाइंट कहें, हमें बैठक जल्दी समाप्त कर बोर होने का महत्वपूर्ण काम
करना है।
एक लाभार्थी मीडिया संस्थान का प्रतिनिधि : सर, ये पुलिस तो हमारे पीछे पड़ गई है। हमारी न्यूज़ को फेक बताकर हमें जलील कर रही है!
बिग बॉस का प्रतिनिधि: क्या आप फेक न्यूज़ नहीं चला रहे थे?
प्रतिनिधि: सर, न्यूज़ तो फेक निकली पर हमने ऐसा इंटेंशनली नहीं किया था।
बिग बॉस का प्रतिनिधि: क्यों नहीं किया था, इंटेंशनली?
प्रतिनिधि: (हड़बड़ा कर) जी? मैं समझा नहीं।
बिग बॉस का प्रतिनिधि: इंटेंशनली किये होते तो सावधान रहते, पकड़े नहीं जाते। अपराध करना अपराध नहीं है, अपराध करते पकड़े जाना अपराध है।
प्रतिनिधि: (अपराध बोध से) जी। यह गलती तो हुई हमसे।
पार्टी के फेक न्यूज़ कारखाने, बोले तो, आईटी सेल का प्रमुख: (एक्साईटेड) यह भी खूब रही। गलती आप करें और सज़ा हम भुगतें? आपकी खबर पर आधारित हमने ट्वीट किये और करवाये। अब फेक न्यूज़ बस्टर देशद्रोही हमारे पीछे पड़ गये हैं, वह भी हाथ धोकर...
बिग बॉस का प्रतिनिधि: पता किये, हाथ साबुन से धोये हैं या सेनिटाइज़र से?
(सब 'होहो' कर हंसते हैं।)
प्रतिनिधि: आप भी हमें दोष देने लगे? माना हमने गलती की पर आप अपना रिसर्च भी तो कर सकते थे ट्वीट करने-करवाने से पहले।
आईटी सेल प्रमुख: लो, हमें क्या और कोई काम नहीं है कि आपकी खबरों को क्रॉसचेक करते रहें? आपको पता भी है हमारे एक कर्मचारी को दिन में कितने ट्वीट करने होते हैं? एक तो चोरी ऊपर से सीनाज़ोरी!
प्रतिनिधि (भड़ककर) और जब हम आपके उल्टे-सीधे ट्वीट, छेड़छाड़ किये वीडियो, फोटो शॉप तस्वीरों पर आधारित खबरें चलाकर फंसते हैं तब?
आईटी सेल प्रमुख: क्यों फंसते हैं? मत चलाइये खबरें, मत कीजिये अहसान।
एक पेरोल पर बुद्धिजीवी लेखक व स्तंभकार : इस तरह आपस में मत लड़िये। अब मुझे देख लीजिये, आपकी फैलाई फेक न्यूज़ के आधार पर मैं अपनी रेपुटेशन दांव पर लगा कर 'ओपीनियन पीस' लिखता हूं पर मैंने कभी शिकायत की?
पार्टी का एक छुटभैया नेता: आपकी कौन रेपुटेशन है? पार्टी की बैकिंग न होती तो कौन अखबार छापता आपके लेख?
स्तंभकार: महोदय, पहले मैं लेखक था, फिर पार्टी से जुड़ा वैचारिक आधार पर... आपकी तरह चापलूसी कर, चंदा दे-दिलाकर पार्टी का सदस्य नहीं बना।
नेता: रहने दीजिये। पार्टी से जुड़कर कोई अहसान नहीं किया आपने। आपके ओपीनियन की दो कौड़ी की कीमत नहीं है। जिन अखबारों में आप छपते हैं न उन्हें भी लोग पढ़ने के लिये नहीं, रद्दी में बेचने के लालच में लेते हैं क्योंकि रद्दी से मिलने वाले पैसे अखबार की कीमत से ज़्यादा होते हैं। और हां, कई लोगों के लिये अखबार का उपयोग पकौड़ों का तेल सुखाने और बच्चों की पॉटी साफ करने में होता है...
एक प्रिंट मीडिया मालिक: ये हो क्या रहा है? आई ऑब्जेक्ट!
पार्टी के कानूनी प्रकोष्ठ का सदस्य : आप वकील हैं क्या? बड़े आये ऑब्जेक्ट करने वाले!
प्रिंट मीडिया मालिक: यह अन्याय है। साहब के निर्देश पर ही हम पॉजिटिव और सरकारी खबरें छापते हैं, मंत्रियों से लेकर बाबुओं के नाम लिखकर लेख छापते हैं। टेलीविज़न से ज़्यादा क्रेडिबिलिटी भी हमारी है। भूल गये, एक दिन साहब ने ही कहा था कि उन्होंने अखबार में पढ़ा था...
बिग बॉस का प्रतिनिधि: (बात काटकर) आप लोग क्यों बच्चों की तरह एक-दूसरे की चड्ढी क्यों उतार रहे हो? हम सबको अपना-अपना काम करना है, कर भी रहे हैं। बस, एक-दूसरे से समन्वय बढ़ाने की ज़रूरत है। मेरे पास बहुत समय नहीं है इसलिये इतना ही कहूंगा, हर कोई अपना काम सावधानी से करे। पकड़ा न जाये। पकड़ा जायेगा तो हम भी मजबूर हो जाएंगे और कुछ कर नहीं पाएंगे। हां, वकील ज़रूर देंगे जमानत के लिये। वैसे जहां अपनी सरकारें हैं, कहेंगे कि पुलिस पर लगाम कसकर रखें। अपने-पराये का खयाल रखें। सबको एक ही डंडे से न हांकें। सभी एक बात का ध्यान रखें कि हमें बिना थके, बिना रुके अपना काम करना है। बैठक समाप्त। ढोकला लाओ! (फिर गलती महसूस होते ही हंसकर) देखिये, मैं भूल गया कि बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो रही है और हम सब अपने-अपने घरों में हैं। शुभ रात्रि।
एक लाभार्थी मीडिया संस्थान का प्रतिनिधि : सर, ये पुलिस तो हमारे पीछे पड़ गई है। हमारी न्यूज़ को फेक बताकर हमें जलील कर रही है!
बिग बॉस का प्रतिनिधि: क्या आप फेक न्यूज़ नहीं चला रहे थे?
प्रतिनिधि: सर, न्यूज़ तो फेक निकली पर हमने ऐसा इंटेंशनली नहीं किया था।
बिग बॉस का प्रतिनिधि: क्यों नहीं किया था, इंटेंशनली?
प्रतिनिधि: (हड़बड़ा कर) जी? मैं समझा नहीं।
बिग बॉस का प्रतिनिधि: इंटेंशनली किये होते तो सावधान रहते, पकड़े नहीं जाते। अपराध करना अपराध नहीं है, अपराध करते पकड़े जाना अपराध है।
प्रतिनिधि: (अपराध बोध से) जी। यह गलती तो हुई हमसे।
पार्टी के फेक न्यूज़ कारखाने, बोले तो, आईटी सेल का प्रमुख: (एक्साईटेड) यह भी खूब रही। गलती आप करें और सज़ा हम भुगतें? आपकी खबर पर आधारित हमने ट्वीट किये और करवाये। अब फेक न्यूज़ बस्टर देशद्रोही हमारे पीछे पड़ गये हैं, वह भी हाथ धोकर...
बिग बॉस का प्रतिनिधि: पता किये, हाथ साबुन से धोये हैं या सेनिटाइज़र से?
(सब 'होहो' कर हंसते हैं।)
प्रतिनिधि: आप भी हमें दोष देने लगे? माना हमने गलती की पर आप अपना रिसर्च भी तो कर सकते थे ट्वीट करने-करवाने से पहले।
आईटी सेल प्रमुख: लो, हमें क्या और कोई काम नहीं है कि आपकी खबरों को क्रॉसचेक करते रहें? आपको पता भी है हमारे एक कर्मचारी को दिन में कितने ट्वीट करने होते हैं? एक तो चोरी ऊपर से सीनाज़ोरी!
प्रतिनिधि (भड़ककर) और जब हम आपके उल्टे-सीधे ट्वीट, छेड़छाड़ किये वीडियो, फोटो शॉप तस्वीरों पर आधारित खबरें चलाकर फंसते हैं तब?
आईटी सेल प्रमुख: क्यों फंसते हैं? मत चलाइये खबरें, मत कीजिये अहसान।
एक पेरोल पर बुद्धिजीवी लेखक व स्तंभकार : इस तरह आपस में मत लड़िये। अब मुझे देख लीजिये, आपकी फैलाई फेक न्यूज़ के आधार पर मैं अपनी रेपुटेशन दांव पर लगा कर 'ओपीनियन पीस' लिखता हूं पर मैंने कभी शिकायत की?
पार्टी का एक छुटभैया नेता: आपकी कौन रेपुटेशन है? पार्टी की बैकिंग न होती तो कौन अखबार छापता आपके लेख?
स्तंभकार: महोदय, पहले मैं लेखक था, फिर पार्टी से जुड़ा वैचारिक आधार पर... आपकी तरह चापलूसी कर, चंदा दे-दिलाकर पार्टी का सदस्य नहीं बना।
नेता: रहने दीजिये। पार्टी से जुड़कर कोई अहसान नहीं किया आपने। आपके ओपीनियन की दो कौड़ी की कीमत नहीं है। जिन अखबारों में आप छपते हैं न उन्हें भी लोग पढ़ने के लिये नहीं, रद्दी में बेचने के लालच में लेते हैं क्योंकि रद्दी से मिलने वाले पैसे अखबार की कीमत से ज़्यादा होते हैं। और हां, कई लोगों के लिये अखबार का उपयोग पकौड़ों का तेल सुखाने और बच्चों की पॉटी साफ करने में होता है...
एक प्रिंट मीडिया मालिक: ये हो क्या रहा है? आई ऑब्जेक्ट!
पार्टी के कानूनी प्रकोष्ठ का सदस्य : आप वकील हैं क्या? बड़े आये ऑब्जेक्ट करने वाले!
प्रिंट मीडिया मालिक: यह अन्याय है। साहब के निर्देश पर ही हम पॉजिटिव और सरकारी खबरें छापते हैं, मंत्रियों से लेकर बाबुओं के नाम लिखकर लेख छापते हैं। टेलीविज़न से ज़्यादा क्रेडिबिलिटी भी हमारी है। भूल गये, एक दिन साहब ने ही कहा था कि उन्होंने अखबार में पढ़ा था...
बिग बॉस का प्रतिनिधि: (बात काटकर) आप लोग क्यों बच्चों की तरह एक-दूसरे की चड्ढी क्यों उतार रहे हो? हम सबको अपना-अपना काम करना है, कर भी रहे हैं। बस, एक-दूसरे से समन्वय बढ़ाने की ज़रूरत है। मेरे पास बहुत समय नहीं है इसलिये इतना ही कहूंगा, हर कोई अपना काम सावधानी से करे। पकड़ा न जाये। पकड़ा जायेगा तो हम भी मजबूर हो जाएंगे और कुछ कर नहीं पाएंगे। हां, वकील ज़रूर देंगे जमानत के लिये। वैसे जहां अपनी सरकारें हैं, कहेंगे कि पुलिस पर लगाम कसकर रखें। अपने-पराये का खयाल रखें। सबको एक ही डंडे से न हांकें। सभी एक बात का ध्यान रखें कि हमें बिना थके, बिना रुके अपना काम करना है। बैठक समाप्त। ढोकला लाओ! (फिर गलती महसूस होते ही हंसकर) देखिये, मैं भूल गया कि बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो रही है और हम सब अपने-अपने घरों में हैं। शुभ रात्रि।
#कोई नहीं जी! - महेश राजपूत
कार्टून : सजित कुमार डेक्कन हेराल्ड से साभार
बढियां रहा यह वीडियो कांफ्रेंसिंग का ब्यौरा !!
ReplyDeleteशुक्रिया।
Delete