गुड माॅर्निंग, जब आप यह खत पढ़ रहे होंगे मैं नहीं रहूंगा। मैं जानता हूं आप में से कुछ सचमुच मेरी परवाह करते थे, मुझसे प्यार करते थे और मेरा खयाल रखते थे। मुझे किसीसे कोई शिकायत नहीं है। मुझे हमेशा सिर्फ खुद से ही समस्याएं थीं। मैं अपनी आत्मा और अपने शरीर के बीच बढ़ते फासले को महसूस कर रहा हूं। और मैं एक शैतान बन गया हूं। मैं हमेशा लेखक बनना चाहता था। विज्ञान का लेखक, कार्ल सेगन की तरह। आखिरकार, यह इकलौता खत है जो मैं लिखने जा रहा हूं। मुझे विज्ञान, सितारों, प्रकृति से प्यार था, पर मैं लोगों से भी प्यार करता था यह जाने बगैर कि लोग कबके प्रकृति से दूर हो चुके हैं। हमारी भावनाएं दोयम दर्जे की हैं। हमारा प्यार बनावटी है। हमारे विश्वास झूठे हैं। हमारी मौलिकता बस कृत्रिम कला से वैध है।बिना चोट खाये प्रेम करना सचमुच मुश्किल हो चुका है। एक व्यक्ति का महत्व उसकी तात्कालिक पहचान और निकटतम संभावना तक सिमट गई हे। एक वोट तक। एक आंकड़ा। एक वास्तु मात्र। मनुष्य को कभी उसके दिमाग से नहीं आँका। एक ऐसी चीज़ जो स्टारडस्ट से बनी । हर क्षेत्र में, पढ़ाई में, राजनीति में, मरने में और जीने में। मैं इस तरह का ख...