मित्रो,उत्तरप्रदेश विधानसभा के नए चुनाव के लिए सात चरणों में मतदान होने जा रहा है।यह चुनाव इस राज्य और देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसबार के चुनाव का सीधा असर देश की भावी राजनीति पर पड़ेगा।
हम सभी मतदाताओं, खासकर यूपी के छात्र-छात्राओं और बुद्धिजीवियों-साहित्यकारों से अपील करते हैं कि वे अपने मत का - लोकतंत्र की रक्षा और फासीवादी ताकतों को हराने के लिए इस्तेमाल करें।मित्रो, इसबार के यूपी विधानसभा चुनाव में आपका एक-एक वोट कीमती है,
आरएसएस के नेतृत्व में भाजपा और सभी रंगत की प्रतिक्रियावादी ताकतें चुनाव मैदान में हैं,इन ताकतों ने इस चुनाव को मोदी सरकार की नीतियों के पक्ष में जनमत संग्रह बना दिया है।
जैसाकि आप सभी जानते हैं देश इस समय गंभीर आर्थिक-राजनीतिक-सांस्कृतिक संकट से गुजर रहा है।इस संकट को नई बुलंदियों तक नोटबंदी के फैसले ने पहुँचा दिया है।इस एक फैसले के कारण यूपी के लघु और मझोले उद्योगों में काम करने वाले लाखों लोगों की नौकरियां चली गयीं,सभी स्तरों पर निर्माण कार्य ठप्प हो गया,किसानों को अपनी उपज की चीजों को औने-पौने दामों पर बेचना पड़ा,इसके कारण लाखों किसान पामाल हो गए। इसके अलावा राज्य के विभिन्न जिलों में साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने में आरएसएस और दूसरे साम्प्रदायिक संगठनों की सक्रियता,आक्रामकता और हिंसाचार बढ़ा है।फासीवादी ताकतों ने खुलेआम अल्पसंख्यक विरोधी रवैय्या अपनाया हुआ है।पूरे प्रदेश में भाजपा ने एक भी मुसलिम उम्मीदवार को टिकट तक नहीं दिया है।
इस बार के चुनाव घोषणापत्र में ´लवजेहाद´ के नारे की आधिकारिक तौर पर ´एंटी जूलिएट स्क्वैड´ के रूप में घोषणा कर दी गयी है। विभिन्न तरीकों और नारों के तहत स्थानीय स्तर पर जनता को,साम्प्रदायिक आधार पर गोलबंद किया जा रहा है,इससे राजनीतिक चुनौतियां और भी बढ़ गयी हैं। मोदी सरकार ने विगत ढाई साल में हर मोर्चे पर जनविरोधी नीतियां लागू की हैं,
अकादमिक आतंक के नाम पर जेएनयू जैसे विश्वविद्यालय में शिक्षकों-छात्रों के सभी किस्म के लोकतांत्रिक हकों पर हमले किए जा रहे हैं,यहां तक कि जनसभा करने,अकादमिक परिषद पर बोलने तक पर दण्डित किया जा रहा है,बड़े पैमाने पर यूजीसी के बजट में कटौती की गयी है।खुलेआम आरएसएस के लोगों को केन्द्रीय विश्वविद्यालयों और विभिन्न केन्द्रीय संस्थानों में बिठाकर उनके अकादमिक माहौल को सुनियोजित ढ़ंग से नष्ट किया जा रहा है।
बेकारी दूर करने के लिए पिछले ढाई साल में कोई भी नई योजना लागू नहीं की गयी है,
केन्द्र सरकार और कारपोरेट घरानों की मिलीभगत के चलते मीडिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नियंत्रित करने की कोशिशें हो रही हैं।
अर्थव्वस्था पहले से भी बदतर अवस्था में चली गयी है,देश-विदेश के सभी रंगत के अर्थशास्त्री बता रहे हैं कि देश की राष्ट्रीय विकास दर में एक से लेकर तीन प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।समूचे देश में औद्योगिक निवेश ठहर गया है,कृषि में अराजकता व्याप्त है,बैंकों के कर्ज से किसान परेशान हैं और निरंतर कर्ज में डूबे किसानों के आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे हैं,किसानों को राहत देने के लिए केन्द्र सरकार ने एक भी कदम नहीं उठाया है उलटे नोटबंदी ने किसानों को बुरी तरह तबाह किया है।
पहली बार केन्द्र में ऐसी सरकार आई है जो बुद्धिजीवियों से खुलेआम नफरत करती है,उनसे किसी भी किस्म के संवाद को पसंद नहीं करती।ऐसी अवस्था में यदि यूपी में भाजपा चुनाव जीतती है तो यह देश के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगा,
इसलिए हम आपसे अपील करते हैं कि भाजपा को अपने इलाके में हराएं और उसके खिलाफ जो भी मजबूत उम्मीदवार लगे उसे वोट दें।
सुनिश्चित करें कि इस बार की वोटिंग हिंदुस्तान के वोटिंग के इतिहास में सबसे ज्यादा यूपी के नाम दर्ज हो जाए कयामत तलक।
ये भी दर्ज करें इतिहास के पन्नों पर - यूपी लोगों ने शांतिपूर्वक वोटिंग की हर खुराफाती को ठेंका दिखा और अपनी माँ , बाप , भाई , बहन , बीवी -बालिग़ बच्चों को भी वोट डालने प्रेरित किया।
याद रखें , हिंदुस्तान तभी बचेगा जब यूपी बचेगा और बचाएगा " इंडिया दैट इज भारत " के आप -हम , सभी लोगों को
Appeal Drafted by Jagadishwar Chaturvedi, , ex-president of Jawaharlal Nehru University Students' Union ( JNUSU ) and Professor Kolkata University
Edited by : Chandraprakash J
Comments
Post a Comment