शेखचिल्ली को मूर्ख करार दिया गया क्योंकि वह एक पेड़ की उस डाल को काट रहा था जिस
पर वह बैठा था। मुंबई और महाराष्ट्र के प्रशासकों को क्या कहा जाए जो मुंबई जैसे
कंक्रीट के जंगल की लाइफलाइन माने जाने वाले पेड़ों को काट रहे हैं वह भी मेट्रो की कोलाबा से सीप्ज़
(अँधेरी) के बीच मेट्रो लाइन बिछाने के लिए। यह मज़ाक की बात नहीं है क्योंकि पांच
हज़ार से ज़्यादा पेड़ों को काटा जाने वाला है। ऊपर से तुर्रा यह कि काटे जाने वाले कुछ पेड़ों
पर उक्त बोर्ड लगाया गया है, जिसमें पेड़ काटने का विरोध करने पर कानूनी कारवाई करने
की धमकी दी गयी है। क्या ऐसे ही मामलों के लिए नहीं कहा गया विनाश सॉरी विकास काले
विपरीत बुध्दि!
(कार्टून : सुहैल नक्शबंदी के आर्काइव से, सौजन्य : एफएससी) (एनडब्ल्यूएमआई-एफएससी रिपोर्ट) कश्मीर में इन्टरनेट शटडाउन कश्मीर के लिए इन्टरनेट शटडाउन कोई अनोखी बात नहीं है और 2012 से 180 बार इसका अनुभव कर चुका है । 4 अगस्त 2019 को मोबाइल और ब्रॉडबैंड इन्टरनेट सेवाओं पर प्रतिबन्ध इस साल के सात महीनों में 55वां था । पर यह पहली बार है कि मोबाइल, ब्रॉडबैंड इन्टरनेट सेवाएं, लैंडलाइन और केबल टीवी सब एक साथ बंद किये गए, नतीजतन कश्मीर के अन्दर और बाहर संचार के हर प्रकार को काट दिया गया । 2012 से इन्टरनेट शटडाउन का हिसाब रख रहे सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेण्टर (एसएफएलसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल इन्टरनेट सेवाओं पर सबसे बड़ी अवधि का बैन 2016 में 08 जुलाई 2016 को बुरहान वाणी के मारे जाने के बाद विरोध प्रदर्शनों के समय रहा. तब मोबाइल इन्टरनेट सेवाएं 133 दिन बंद रहीं । एसएफएलसी ट्रैकर के अनुसार, "पोस्टपेड नम्बरों पर इन्टरनेट सेवाएं 19 नवम्बर 2016 को बहाल की गयीं, लेकिन प्रीपेड उपयोगकर्ताओं की मोबाइल सेवाएं जनवरी 2017 मे...
Comments
Post a Comment