जब किसी निर्भया, गुड़िया, आसिफा का बलात्कार किया जाए
बलात्कार के बाद उनकी हत्या कर दी जाए
हत्या के बाद इंसाफ की राह में रोड़े अटकाए जाएँ
हमें कुछ करने की ज़रूरत नहीं है
कानून अपना काम करेगा
जब कोई एनकाउंटर किया जाए
फिर एनकाउंटर के गवाहों का एनकाउंटर किया जाए
और एक न्यायाधीश की 'प्राकृतिक' मौत हो जाए
हमें कुछ करने की ज़रूरत नहीं है
क़ानून अपना काम करेगा
जब किसी अख़लाक़, पहलू खान को मार दिया जाए
किसी जुनैद की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाए
किसी अफरजुल की हत्या का वीडियो बनाया जाए
हमें कुछ करने की ज़रूरत नहीं है
क़ानून अपना काम करेगा
जब किसी रोहित को मार दिया जाए
किसी नजीब को गायब कर दिया जाए
जब डॉक्टर बनने की चाह रखने वाली कोई अनीता ख़ुदकुशी कर ले
हमें कुछ करने की ज़रूरत नहीं है
क़ानून अपना काम करेगा
जब किसी साईंबाबा को जेल में सड़ाया जाये
जब किसी रावण पर रासुका लगाया जाए
जब किसी डॉक्टर कफील को जेल भेज दिया जाए
हमें कुछ करने की ज़रूरत नहीं है
कानून अपना काम करेगा
जब दलितों को सरे-आम कोड़े लगाये जाएँ
मूंछे रखने से लेकर घोड़ी चढ़ने की सज़ा के रूप में
उनकी जान ले ली जाए
हमें कुछ करने की ज़रूरत नहीं है
कानून अपना काम करेगा
जब 'आधार' किसी संतोषी की 'हत्या' कर दे
जब किसी दाना मांझी को पत्नी की लाश अपने कंधे पर ढोनी पड़े
जब एटीएम की कतारों में लोग मरें
हमें कुछ करने की ज़रूरत नहीं है
कानून अपना काम करेगा
जब दाभोलकर, पंसारे, कलबुर्गी की हत्या कर दी जाए
गौरी लंकेश को गोलियों से भून दिया जाए
ज़ुल्म के खिलाफ उठती हर आवाज़ को दबा दिया जाए
हमें कुछ करने की ज़रुरत नहीं है
कानून अपना काम करेगा...
क्या कहा? हत्यारे हमारे लिए आयेंगे तो हम क्या करेंगे?
तब हमें कुछ करने की ज़रूरत ही कहाँ रह जायेगी?
पर मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कोई और कुछ करे न करे
कानून तब भी अपना काम करेगा!
-महेश राजपूत
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