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बज़फीड पत्रकारों ने बगावत का बिगुल बजा दिया, पढ़िये क्यों?

कर्मचारी डिजीटल मीडिया में सबसे बड़ी श्रमिक यूनियन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।


-अलेक्सिया फर्नांडीज कैंपबेल

बज़फीड न्यूज़ के पत्रकारों का सब्र जवाब दे रहा है। पिछले चार महीनों से उन्होंने एक श्रमिक यूनियन गठन के पक्ष में वोट दिया था पर कंपनी ने अभी तक उन्हें आधिकारिक रूप से स्वीकृति नहीं दी है।

बज़फीड न्यूज़ यूनियन को मान्यता देने में कंपनी की देरी के विरोध में दर्जनों कर्मचारी सोमवार अपना काम छोड़ चल दिये।  न्यू यॉर्क, सैन फ्रैंसिस्को, वाशिंगटन डीसी और लॉस एंजेलिस में पत्रकारों ने कंपनी का ध्यान आकर्षित करने के लिए दो बजे काम करना छोड़ दिया।

वॉक्स से साझा के गई बज़फीड न्यूज़ यूनियन के एक बयान के अनुसार लोकप्रिय समाचार वेबसाईट, जिसके अमेरिका में 200 से ज़्यादा पत्रकार हैं, के प्रबंधक महीनों से यूनियन प्रतिनिधियों से लड़ रहे हैं कि कितने कर्मचारी यूनियन में शामिल हो सकते हैं। यूनियन जिसका प्रतिनिधित्व न्यूज़गिल्ड ऑफ न्यू यॉर्क कर रही है, का कहना है कि प्रबंधन उन कई कर्मचारियों को यूनियन से दूर रखना चाहते हैं जिनके बारे में कि उनका दावा है कि वह प्रबंधक हैं अथवा सुपरवाईजर हैं जबकि कोई कर्मचारी उन्हें रिपोर्ट नहीं करता।

बज़फीड का कहना है कि यह सच नहीं है और दरअसल यूनियन प्रक्रिया को रोके हुए है। बज़फीड  सीईओ जोनाह पेरेटी की कर्मचारियों को भेजी गई एक ईमेल, जो वॉक्स से साझा की गई, के अनुसार यूनियन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है कि कौन से पद यूनियन का हिस्सा होंगे और उन्होंने यह भी कहा कि यूनियन कलेक्टिव बार्गेनिंग करार पर वार्ता करते समय वह कर्मचारियों से किये गये एकल करार को मान्य करने को तैयार नहीं हैं।
पेरेटी ने एक ईमेल में कहा, “जो आप सुन रहे हैं उसके विपरीत, हम अपने वकीलों से रोज़ाना आधार पर बातचीत कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि हमारा प्रस्ताव ठोस है जिसके आधार पर कलेक्टिव बार्गेनिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है।“ कंपनी ने 77 पत्रकारों को मान्यता देने का प्रस्ताव दिया है जबकि बार्गेनिंग कमिटी के कर्मचारियों ने बताया कि वह इससे ज़्यादा संख्या को मान्यता देने के लिए तैयार हैं।

कर्मचारियों के अनुसार इस समय विवाद का मुख्य बिंदु यह है कि कंपनी चाहती है कि उन पदनामों को परिभाषित किया जाये जो यूनियन के तहत कवर किये गये हैं। इससे बज़फीड के प्रबंधक भविष्य में नये और ऐसे मनमाने पदनाम लाएंगे जो यूनियन के तहत कवर नहीं होंगे।

यूनियन के बयान के अनुसार पिछले कुछ महीने तनावपूर्ण हैं और कर्मचारियों के सब्र का पैमाना छलक रहा है। उनके अनुसार किसी और डिजीटल मीडिया कंपनी ने हाल के समय में समाचार उद्योग में श्रमिकों के संगठित होने की लहर के समय एक श्रमिक यूनिनयन को मान्यता देने में इतना समय नहीं लगाया। यूनियन के लिए मान्यता प्राप्त करने का दूसरा विकल्प कर्मचारियों के लिए नेशनल लेबर रिलेशंस बोर्ड के ज़रिये मान्यता पाना होगा, पर यह प्रक्रिया और लंबा समय लेगी।

पिछले दो साल में बेहतर वेतन, लाभ और नौकरी जाने की सूरत में (पिछले साल 12,000 से ज़्यादा की छंटनी की गई) बेहतर सेवरंस के लिए 30 डिजीटल समाचार साईट के पत्रकार पिछले दो साल में यूनियनबद्ध हुए हैं। कर्मचारी, जो चाहिये हासिल करने के लिए, आक्रामक उपाय अपनाने से पीछे नहीं हट रहे। इसी महीने वॉक्स मीडिया के 300 से ज़्यादा कर्मचारियों ने करार वार्ता के अंतिम चरण में ‘एक दिन काम बंद‘ में हिस्सा लिया (डिस्क्लेमर : मैं वॉक्स मीडिया यूनियन का सदस्य हूं जिसका प्रतिनिधित्व राईटर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका, ईस्ट करती है)।

बज़फीड अतीत में यूनियन प्रयासों का विरोध करता रहा है और पेरेटी ने 2015 में इस विषय पर वार्ता को बंद कर दिया था। बज़फीड कर्मचारी अन्य मीडिया संस्थानों में अपने साथियों को सफलतापूर्वक एकजुट होते देख रहे हैं और सोमवार का वाकआऊट दिखाता है कि वह कंपनी को वार्ता टेबल पर लाने के लिए आक्रामक कार्रवाई के लिए तैयार हैं।

समाचार उद्योग तेजी से संगठित हो रहा है। बज़फीड वाकआऊट मीडिया उद्योग में यूनियनों के बनने की लहर के बीच हुआ है। अखबारों के पत्रकारों की यूनियनों से जुड़ने की पुरानी परंपरा है पर डिजीटल समाचार इकाइयों ने ऐसी संस्कृति बनाई है जो युवा, लचीले और अस्थायी श्रमबल पर निर्भर है। 

इस सदी में समाचार कक्षों में यूनियन की कल्पना कभी बेतुकी लगती थी, खासकर जब अमेरिकी कार्यस्थलों पर कुल मिलाकर यूनियन सदस्यता में कमी आ रही हो।

2015 में वाशिंगटन पोस्ट ने “क्यों इंटरनेट पत्रकार यूनियनबद्ध नहीं होते?“ शीर्षक से लेख प्रकाशित किया था जिसमें कहा गया था कि युवा कर्मचारियों की पीढ़ी यूनियनों से कम साबका रखती है और वह निजी ब्रांड बनाने में विश्वास रखती है जिसे अन्य मीडिया कंपनियों को हस्तांरित किया जा सके इसीलिए लेखक कम पारिश्रमिक पर ज्यादा घंटे काम करते हैं ताकि उन्हें दूसरे संस्थान खींचें, जो पारिश्रमिक वृद्धि का एकमात्र तरीका है।

पर अब वह लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं। ऑनलाइन पत्रकार उद्योग में लगातार छंटनी और महंगे शहरों में गुज़ारा न करने लायक वेतनों से सहम गये हैं। गॉकर में 2016 में यूनियनबद्ध होने की सार्वजनिक प्रक्रिया ने एक आंदोलन शुरू किया। वाईस, थिंकप्रोग्रेस, हफपोस्ट, थ्रिलिस्ट, मिक और इंटरसेप्ट जैसी साईट के कर्मचारियों ने भी यूनियनें बनाईं।

हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू की एक रिपोर्ट के अनुसार 2010 से इंटरनेट प्रकाशन में यूनियनबद्ध कर्मचारियों की संख्या 20 गुना हो गई है। यह आश्चर्यजनक वृद्धि है और अधिकांश मामलों में कंपनियों ने तुरंत ही अपने कर्मचारी यूनियनों को मान्यता भी दी है। यूनियन से जुड़ने के लाभ, जिनमें सेवरंस और वार्षिक वेतन वृद्धि शामिल हैं, हाल के महीनों में छंटनी की श्रंखला के बरक्स और दर्शनीय हो गये हैं। इसीने बज़फीड पत्रकारों को संगठित होने के लिए उकसाया। उन्होंने फरवरी में कंपनी के 40 पत्रकारों को निकाले जाने के बाद यूनियनबद्ध होने के लिए वोट दिया। पर बात सिर्फ इतनी ही नहीं है।

यूनियन के गठन की घोषणा के समय यूनियन ने कहा, “वेतन विसंगतियों, कुप्रबंधित प्राथमिकताओं और छंटनियाें, कमजोर लाभों, स्वास्थ्य बीमा की आसमान छूती कीमतों, विविधता और अन्य कई मामलों में हमारी वैध शिकायतें हैं।“ दूसरी तरफ कंपनी इन प्रयासों को लेकर खुश तो नहीं ही है। अप्रैल में प्रबंधकों ने यूनियन प्रतिनिधियों के साथ तय बैठक प्रबंधकों ने बिगाड़ दी। कर्मचारियों ने उन्हें सोशल मीडिया पर शर्मसार किया और ऐसा ही न्यू यॉर्क सिटी मेयर बिल डे ब्लासियो ने किया। तभी से दोनों पक्ष बैठक कर हे हैं और बहस कर रहे हैं कि यूनिट कितनी बड़ी होगी। इस बीच कर्मचारी तंग आ चुके हैं और अपनी बात कहने के लिए कार्य बाधित करने के लिए तैयार हैं। सोमवार दो बजे से बज़फीड न्यूज़ साईट पर कोई नया समाचार पोस्ट नहीं किया गया है।

(नोट : रिपोर्ट वॉक्स डॉट कॉम से साभार।)



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