महामारी में
एकजुटता ने ही बचाई नौकरियां
कोविड महामारी वर्ष 2020 में अमेरिका में 16,000 पत्रकारों ने नौकरियां गंवाईं लेकिन इनमें से अधिकांश वह मीडिया वर्कर थे, जो यूनियनाइज़्ड नहीं थे। यह कहना है अमेरिका में पत्रकारों व मीडियाकर्मियों की सबसे बड़ी यूनियन न्यूज़गिल्ड के अध्यक्ष जोन श्लेयुस का। उन्होंने यह बात आईजेनेट की हेलोइस हकीमी ले ग्रांड की रिपोर्ट में कही है।
रिपोर्ट के अनुसार
2021 के पहले छह महीनों में अमेरिका में यूनियनों से रिकॉर्ड संख्या में पत्रकार
और मीडियाकर्मी जुड़े हैं। मध्य जुलाई तक 29 संस्थानों के कर्मचारियों ने यूनियन
प्रतिनिधित्व की मांग की। पिछले साल यानी 2020 में 37 संस्थानों में सफल संगठन
बने।
इसका कारण है यूनियन से जुड़ने के लाभ। यूनियन में होने से मीडियाकर्मी अपनी नौकरियों, पारिश्रमिक, सेवाशर्तों, प्रकाशनों, रिपोर्टिंग की गुणवत्ता समेत कई बातों के लिए लड़ सकते हैं। जब कर्मचारी एकजुट होते हैं तो वह मुद्दों का सामना कर सकते हैं, संगठित मोर्चा बना सकते हैं और अपने पक्ष में प्रबंधन पर ज्यादा दबाव बना सकते हैं।
श्लेयुस के अनुसार
“हम यूनियन से जुड़ते हैं क्योंकि हमें अपनी नौकरियों की परवाह है। हमें अपने
साथियों की नौकरियों और उनकी सुरक्षा की परवाह है और हमें परवाह है समुदाय, हमारे
लोकतंत्र में अपनी भूमिका की।“
बालटीमोर सन में
पर्यावरण संवाददाता और अपने अखबार में गिल्ड नेता स्कॉट डांस बेहद सरल शब्दों में
यूनियन का महत्व बताते हैं। उनके अनुसार यूनियनाइज़्ड होने का मतलब है टेबल पर
आपके लिए भी एक कुर्सी है। अपने पारिश्रमिक व सेवाशर्तों में आपकी भी बात सुनी
जाती है। वह कहते हैं कि इसका मतलब यह नहीं है कि आपको हमेशा वह मिले जो आप चाहते
हैं पर यह आपके सुने जाने का आधिकारिक ज़रिया है।“
यूनियनें पत्रकारों को उन्हें और उनके साथियों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर लड़ने की अनुमति देती हैं। आप बेहतर पारिश्रमिक, अधिक समग्र लाभ और बेहतर सेवा शर्तों के लिए लड़ सकते हैं। 2019 में लॉस एंजेलेस टाइम्स गिल्ड ने मालिकों से तीन वर्षीय करार करने में सफलता पाई जिसके अनुसार अधिकांश कर्मचारियों को 5 फीसदी वेतन वृद्धि मली और आने वाले दो वर्षों में ढाई-ढाई प्रतिशत की वेतन वृद्धि सुनिश्चित की गई।
जब कर्मचारी
यूनियन बनाते हैं तो वह अपने प्रबंधन से वित्तीय जानकारी व वेतन डाटा की जानकारी
मांग सकते हैं।
इसी आधार पर लॉस
एंजेलेस टाइम्स के कर्मचारियों ने यूनियन बनाने के बाद सैलरी डाटा जारी करने की
मांग की जिससे पता चला कि महिलाएं व अश्वेत पत्रकारों को कम वेतन मिल रहा था।
कर्मचारियों ने अखबार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और 2020 में एक न्यायाधीश ने 240
वर्तमान व पूर्व कर्मचारियों के लिए मुआवजे को मंज़ूरी दी।
चूंकि मीडिया
संस्थानों की हेज फंड, अरबपतियों औैर होल्डिंग कंपनियों द्वारा खरीदी के बाद
गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग के बजाय राजस्व को प्राथमिकता दी जाती है, वेतन
कटौतियां, छंटनियां की जाती हैं, यूनियनें मीडियाकर्मियों को अपनी आजीविका बचाने
में मदद करती हैं।
2020 में बालटीमोर सन मैनहटन हेज फंड आल्डेन ग्लोबल कैपिटल खरीदने जा रहा था, पेपर की गिल्ड ने दूसरा मालिक ढूंढने के लिए ‘सेव द सन कैंपेन‘ चलाई। हालांकि यह अभियान सफल नहीं हुआ, यूनियन सुरक्षा के कारण परिणाम भुगतने के भय के बिना कर्मचारी मीडिया में गये और अपने न्यूज़रूम के भविष्य को लेकर अपनी चिंताएं बताईं।
पत्रकार अगर
यूनियनाइज़्ड नहीं है तो प्रबंधन बिना वजह या मामूली वजह (कोई स्टोरी पसंद नहीं
आई) को लेकर भी निकाल सकता है लेकिन यूनियन की सुरक्षा से लैस पत्रकार को अकारण
नहीं निकाला जा सकता।
कोविड महामारी में मीडिया कर्मचारियों की यूनियनों ने आवश्यक बचाव प्रदान किया। महामारी के समय जब मीडिया संस्थान छंटनी, वेतन कटौती और फर्लो यानी अवैतनिक छुट्टी पर भेजे जाने जैसे कदम उठा रहे थे, यूनियनाइज़्ड होना काम आया। श्लेयुस के अनुसार कोविड महामारी वर्ष 2020 में अमेरिका में 16,000 पत्रकारों ने नौकरियां गंवाईं लेकिन इनमें से अधिकांश वह मीडिया वर्कर थे, जो यूनियनाइज़्ड नहीं थे।
लॉस एंजेलिस
टाइम्स ने मई 2020 में कर्मचारियों के लिए महीने में एक सप्ताह का फर्लो घोषित
किया जिसका मतलब था पारिश्रमिक में 25 फीसदी घाटा। यूनियन सदस्यों ने प्रबंधन के
साथ करार किया जिससे गिल्ड के सदस्यों को हटाया नहीं गया व अवैतनिक छुट्टियां
सप्ताह में एक दिन तक घटाई गईं। इसके अलावा टाइम्स ने कैलिफोर्निया के ‘वर्क
शेयरिंग‘ कार्यक्रम के लिए आवेदन पर प्रतिबद्धता जताई जिससे यूनियन सदस्यों को
बेरोज़गारी लाभ मिले और वेतन के घाटे की पूरी भरपाई हो गई।
(आईजे नेट से
साभार)
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