-आप ‘छपाक‘ का विरोध कर रहे है?
-हां। करते हैं और अंतिम सांस तक करते रहेंगे।
-क्यों फिल्म बहुत बुरी है?
-हमारे लिये बुरी है।
-क्यों? फिल्म अश्लीलता को बढ़ावा देती है?
-नहीं।
-तो क्या हिंसा को बढ़ावा देती है?
-नहीं।
-फिर तो जरूर इसमें अंडरवर्ल्ड का पैसा लगा होगा?
-ऐसी अफवाह तो थी पर पुष्टि नहीं हो सकी।
-कहीं फिल्म में कोई पाकिस्तानी कलाकार तो नहीं है?
-नहीं।
-या कोप्रोडक्शन हमारे ‘एनीमी नंबर टू‘ चीन की किसी फिल्म कंपनी ने किया हो?
-हमें नहीं पता।
-अच्छा। अब समझा। वो फिल्म में मुस्लिम खलनायक का नाम हिंदू कर दिया था, ऐसी खबर आई थी। क्या वह खबर है आपके गुस्से का कारण।
-नहीं। वह तो अफवाह निकली।
-फिर आप फिल्म का विरोध क्यों कर रहे हैं?
-उसमें दीपिका पादुकोण है।
-क्यों? क्या वह बुरी अभिनेत्री हैं?
-नहीं।
-तो फिर? उन्होंने आपका क्या बिगाड़ा है?
-वह जेएनयू गई थीं।
-जेएनयू बोले तो?
-जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय।
-विश्वविद्यालय? वहां दीपिका के जाने से क्या प्रॉब्लम है?
-वह ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग‘ का अड्डा है?
-तो दीपिका क्या वहां किसी गैंग में शामिल होने गई थीं?
-ऐसा उन्होंने कहा तो नहीं। उन्होंने तो कुछ कहा ही नहीं। बस, एक हाथ टूटी छात्रा के सामने हाथ जोड़े खड़ी रहीं।
-हाथ टूटी छात्रा? अभी तो आपने किसी गैंग का नाम लिया था।
-टुकड़े-टुकड़े गैंग। वह छात्रा-वात्रा नहीं हैं, उसी गैंग को बिलांग करती हैं।
-पर यह गैंग करता क्या है? क्या लोगों के टुकड़े-टुकड़े कर देता है?
-नहीं। देश के टुकड़े-टुकड़े करने वाले नारे लगाता है। आपने कहा था कि इंटरव्यू ‘छपाक‘ को लेकर होगा। आप ‘छपाक‘ के बारे में पूछिये न।
-सॉरी। तो हमने सुना है, फिल्म उन लड़कियों के संघर्ष की कहानी है जिन पर तेजाब फेंक दिया जाता है। क्या ऐसी लड़कियों पर फिल्म बने, आपको अच्छा नहीं लगता है?
-वह बात नहीं है, जी।
-तो बात क्या है? क्या आपके अंदर करुणा का अभाव है?
- क्या बात करते हैं जी। हमारे से तो चींटी मर जाए तो हमें पाप लगता है। आपने हमारे पीएम का वह इंटरव्यू नहीं देखा जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारी कार के आगे कुत्ते का पिल्ला आ जाए तो उसका भी हमें अफसोस होता है।
-ओके। पर कोई तो कारण होगा ‘छपाक‘ न देखने का?
-कोई कारण नहीं है। बस, हमें फिल्म नहीं देखनी, नहीं देखनी, नहीं देखनी। इंटरव्यू खत्म...दोस्ती बनी रहे।
#दिमाग का दही - 3/महेश राजपूत
-हां। करते हैं और अंतिम सांस तक करते रहेंगे।
-क्यों फिल्म बहुत बुरी है?
-हमारे लिये बुरी है।
-क्यों? फिल्म अश्लीलता को बढ़ावा देती है?
-नहीं।
-तो क्या हिंसा को बढ़ावा देती है?
-नहीं।
-फिर तो जरूर इसमें अंडरवर्ल्ड का पैसा लगा होगा?
-ऐसी अफवाह तो थी पर पुष्टि नहीं हो सकी।
-कहीं फिल्म में कोई पाकिस्तानी कलाकार तो नहीं है?
-नहीं।
-या कोप्रोडक्शन हमारे ‘एनीमी नंबर टू‘ चीन की किसी फिल्म कंपनी ने किया हो?
-हमें नहीं पता।
-अच्छा। अब समझा। वो फिल्म में मुस्लिम खलनायक का नाम हिंदू कर दिया था, ऐसी खबर आई थी। क्या वह खबर है आपके गुस्से का कारण।
-नहीं। वह तो अफवाह निकली।
-फिर आप फिल्म का विरोध क्यों कर रहे हैं?
-उसमें दीपिका पादुकोण है।
-क्यों? क्या वह बुरी अभिनेत्री हैं?
-नहीं।
-तो फिर? उन्होंने आपका क्या बिगाड़ा है?
-वह जेएनयू गई थीं।
-जेएनयू बोले तो?
-जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय।
-विश्वविद्यालय? वहां दीपिका के जाने से क्या प्रॉब्लम है?
-वह ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग‘ का अड्डा है?
-तो दीपिका क्या वहां किसी गैंग में शामिल होने गई थीं?
-ऐसा उन्होंने कहा तो नहीं। उन्होंने तो कुछ कहा ही नहीं। बस, एक हाथ टूटी छात्रा के सामने हाथ जोड़े खड़ी रहीं।
-हाथ टूटी छात्रा? अभी तो आपने किसी गैंग का नाम लिया था।
-टुकड़े-टुकड़े गैंग। वह छात्रा-वात्रा नहीं हैं, उसी गैंग को बिलांग करती हैं।
-पर यह गैंग करता क्या है? क्या लोगों के टुकड़े-टुकड़े कर देता है?
-नहीं। देश के टुकड़े-टुकड़े करने वाले नारे लगाता है। आपने कहा था कि इंटरव्यू ‘छपाक‘ को लेकर होगा। आप ‘छपाक‘ के बारे में पूछिये न।
-सॉरी। तो हमने सुना है, फिल्म उन लड़कियों के संघर्ष की कहानी है जिन पर तेजाब फेंक दिया जाता है। क्या ऐसी लड़कियों पर फिल्म बने, आपको अच्छा नहीं लगता है?
-वह बात नहीं है, जी।
-तो बात क्या है? क्या आपके अंदर करुणा का अभाव है?
- क्या बात करते हैं जी। हमारे से तो चींटी मर जाए तो हमें पाप लगता है। आपने हमारे पीएम का वह इंटरव्यू नहीं देखा जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारी कार के आगे कुत्ते का पिल्ला आ जाए तो उसका भी हमें अफसोस होता है।
-ओके। पर कोई तो कारण होगा ‘छपाक‘ न देखने का?
-कोई कारण नहीं है। बस, हमें फिल्म नहीं देखनी, नहीं देखनी, नहीं देखनी। इंटरव्यू खत्म...दोस्ती बनी रहे।
#दिमाग का दही - 3/महेश राजपूत
छपाक नहीं देखनी नहीं देखनी नहीं देखनी और दीपिका पादुकोण को पाकिस्तान भेज दिया जाए छपाक नहीं देखनी नहीं देखनी नहीं देखनी
ReplyDeleteहाहाहा।
Deleteवाह, बहुत बढिया!!
ReplyDeleteशुक्रिया, जनाब!
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