आज अनारकली ऑफ आरा से मिलना हुआ। जैसे अनारकली को हीरामन न मिलता तो वह 'भीसी बाबू' को सबक ना सिखा पाती। वैसे ही अवि को मुक्ता न मिलती तो वह अनारकली न बना पाता। यह फ़िल्म जितनी अवि की है, उतनी ही मुक्ता और बिटिया सुर की भी है। अविनाश ने स्वरा और पंकज के साथ मिलकर 2 घंटे का बेजोड़ सांग जोड़ा है। जब गर्दा मुंबई में उड़ रहा है तो बिहार और यूपी में तो यकीनन आग लगी होगी। 'देसी तंदूर' यानि कि स्वरा को इस फिल्म के लिए लंबे समय तक याद किया जाएगा। पंकज त्रिपाठी के लिए क्या कहा जाए। यह शख़्स अभिनय करता नहीं बल्कि किरदार को जीता है। संजय मिश्रा एक सदाबहार अभिनेता हैं। यह उन्होंने फिर साबित किया है। फिल्म हंसाती-गुदगुदाती है तो रुलाती और आक्रोश भी पैदा करती है। यह फिल्म उन हज़ारों-हज़ार अनारकलियों की आज़ादी, आत्मसम्मान और स्वाभिमान की भी कहानी है, जो नाच-गाकर अपना गुज़र-बसर करती हैं। साफगोई से कहूं तो अविनाश फ़िल्म को बाकी फिल्मकारों की तरह थोड़ा और कमर्शियल टच दे सकता था। कथानक को देखते हुए उसके पास इसका भरपूर अवसर भी था। लेकिन संसाधनों की भारी कमी के बावजूद उसने ऐसा नहीं किया। क्यूँ नहीं किया इसका जवाब वही बेहतर दे सकता है। अनारकली आडंबर नहीं रचती बल्कि यथार्थ को भोगती है। न केवल एक पात्र
(कार्टून : सुहैल नक्शबंदी के आर्काइव से, सौजन्य : एफएससी) (एनडब्ल्यूएमआई-एफएससी रिपोर्ट) कश्मीर में इन्टरनेट शटडाउन कश्मीर के लिए इन्टरनेट शटडाउन कोई अनोखी बात नहीं है और 2012 से 180 बार इसका अनुभव कर चुका है । 4 अगस्त 2019 को मोबाइल और ब्रॉडबैंड इन्टरनेट सेवाओं पर प्रतिबन्ध इस साल के सात महीनों में 55वां था । पर यह पहली बार है कि मोबाइल, ब्रॉडबैंड इन्टरनेट सेवाएं, लैंडलाइन और केबल टीवी सब एक साथ बंद किये गए, नतीजतन कश्मीर के अन्दर और बाहर संचार के हर प्रकार को काट दिया गया । 2012 से इन्टरनेट शटडाउन का हिसाब रख रहे सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेण्टर (एसएफएलसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल इन्टरनेट सेवाओं पर सबसे बड़ी अवधि का बैन 2016 में 08 जुलाई 2016 को बुरहान वाणी के मारे जाने के बाद विरोध प्रदर्शनों के समय रहा. तब मोबाइल इन्टरनेट सेवाएं 133 दिन बंद रहीं । एसएफएलसी ट्रैकर के अनुसार, "पोस्टपेड नम्बरों पर इन्टरनेट सेवाएं 19 नवम्बर 2016 को बहाल की गयीं, लेकिन प्रीपेड उपयोगकर्ताओं की मोबाइल सेवाएं जनवरी 2017 मे...
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