इस गणतंत्र दिवस पर... हमारी चुनी हुई सरकार ने
विश्व नेताओं को बुलाया है और राजपथ पर हमारी सेना की ताकत दर्शा रही है... जबकि
वह स्कूल से लौट रहे हमारे बच्चों को आतंकित करते हुए गुंडों को नहीं रोक
सकते...क्या हम नागरिकों को ठहरकर सोचना... सवाल नहीं पूछना चाहिये...#justasking
मेरे देश के बच्चे मारे भय के कांप रहे हैं और
रो रहे हैं... करणी सेना स्कूल बस पर जब हमला कर रही होती है... चुनी हुई सरकार
आँखें मूंदे हुए है... विपक्षी दल कूटनीतिक तरीके से प्रतिक्रिया देता है...क्या
आप सबको अपनी वोट बैंक राजनीत का सौदा हमारे बच्चों की सुरक्षा से करते हुए शर्म
नहीं आती...#justasking
दक्षिण कर्नाटक में... एक कांगेसी मंत्री
तुष्टिकरण के लिए कहता है मैं अल्लाह के आशीर्वाद से जीता... एक बीजेपी नेता और
गिरता है और कहता है अगला चुनाव अल्लाह और राम के बीच है. क्या आप दोनों भगवान् की
नीलामी बंद करेंगे और विकास तथा वास्तविक मुद्दों की बात करेंगे... #justasking
हमारे पूर्वजों ने बंदरों को इंसान में बदलते
नहीं देखा, हमारे एक मंत्री कहते हैं. पर सर... क्या आप इससे इनकार कर सकते हैं कि
आज हम उल्टा देख रहे हैं... अतीत को खोदकर और हमें वापस पाषाण युग में ले जाने की
कोशिश कर इंसान बन्दर में बदल रहा है... #justasking
यह कुछ सवाल जो अभिनेता प्रकाश राज के शुरू
किये जस्ट आस्किंग कैम्पेन का हिस्सा हैं, इस अभिनेता के बारे में काफी कुछ कह
देते हैं। फ़िल्मी
परदे पर अक्सर खलनायक की भूमिकाओं में दिखने वाले प्रकाश राज से सत्ताधीश यूं ही
खफा नहीं हैं। ऐसे चुभते हुए सवाल वह लगातार पूछ रहे हैं। एक तरफ जहाँ इंडस्ट्री
के मेगा स्टार और सुपर स्टार नरेन्द्र मोदी सरकार की गोद में बैठे हुए हैं और
सरकार की प्रचार मशीन का हिस्सा बनने में भी जिन्हें कोई दिक्कत नहीं है ऐसे में
एक ऐसा अभिनेता जिसे स्टार भी नहीं कहा जा सकता अपना कैरियर दांव पर लगाकर सरकार
से टक्कर ले रहा है।
वांटेड और सिंघम जैसी फिल्मों में खलनायक की
भूमिकाएं निभाने वाले प्रकाश राज ने नरेन्द्र मोदी सरकार से सवाल पूछने की शुरुआत
की पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद की। हत्या के बावजूद गौरी को सोशल मीडिया
में गालियाँ देने वालों को 'फॉलो' करने वाले प्रधानमंत्री की चुप्पी पर उन्होंने
सवाल उठाया और इस तरह उनका ट्विटर पर #जस्ट आस्किंग अभियान शुरू हुआ। उनके सवाल
ऐसे ज्वलंत मुद्दों पर होते हैं जिन पर अक्सर सरकार और सरकारी नुमाइंदे मुंह पर
पट्टी बाँध लेते हैं। कुछ मुद्दे जिन पर प्रकाश राज ने इन चंद महीनों में सवाल
पूछे हैं, उनमें राजस्थान के राजसमन्द में एक निरीह बूढ़े मुस्लिम की हत्या कर उसका
वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर लगाने वाले मामले से लेकर सनल शशिधरन की फिल्म एस.
दुर्गा का गोवा में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में गला घोंटने की
कोशिश, नोटबंदी, हिंदुत्व राजनीति, पद्मावती (अब पद्मावत) विवाद, संविधान पर अनंत
हेगड़े का शर्मनाक बयान शामिल हैं।
हाल में 'द इंडियन एक्सप्रेस' को दिए इंटरव्यू
में उन्होंने बताया कि अब वह चुप नहीं बैठेंगे और कर्नाटक के चुनावों में लोगों के
पास जायेंगे और उन्हें सवाल पूछने का आह्वान करेंगे। वह उन्हें यह नहीं बताएँगे कि
किसे वोट करना है पर यह ज़रूर बताएँगे कि किसे वोट नहीं करना है। वह यह भी स्पष्ट
करते हैं कि उन्होंने यह अभियान देश का एक ईमानदार, निडर नागरिक बनने की कोशिश के
तहत शुरू किया है। वह मानते हैं कि अभियान उन्होंने देरी से शुरू किया पर फिर वह
कहते हैं कि एक ब्रेकिंग पॉइंट होता है जब आपसे चुप रहा नहीं जाता और उनके साथ ऐसा
गौरी की हत्या के समय हुआ।
इसी इंटरव्यू में वह यह भी कहते हैं कि वह आवाज़
एक कलाकार के रूप में उठाते हैं और यदि रचनात्मक व्यक्ति कायर बन जायेंगे तो कायर
समाज का निर्माण ही करेंगे।
अभिनय के लिए पांच राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके
प्रकाश राज को उनके इस बोल्ड स्टैंड के लिए क्या एक सैल्यूट हमारी तरफ से नहीं
बनता है, #justasking
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