वैसे तो मैं उसूलन बासी खबर नहीं देता पर आगे की पंक्तियाँ पढ़कर आप समझ जायेंगे कि वजह जेन्युइन है। आठ-दस दिन पहले की बात है। जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन की एक 'ऑफ द रिकॉर्ड' और गुप्त प्रेस कांफ्रेंस हुई। पता है, आप कहेंगे कि प्रेस कांफ्रेंस 'ऑफ द रिकॉर्ड' और गुप्त कैसे हो सकती है? हुआ यूं कि प्रेस कांफ्रेंस शुरू होने से पहले प्रशासन ने कह दिया कि ब्रीफिंग के बाद सभी सवालों के जवाब दिए जायेंगे पर मीडिया को वायदा करना होगा कि वह प्रशासन की बातों से सहमत हैं तो प्रेस कांफ्रेंस की खबर कहीं नहीं छपेगी। मीडिया भूल जाएगा कि कोई प्रेस कांफ्रेंस हुई थी, हां चूँकि विषय प्रदेश में नार्मल्सी के बारे में था इसलिए मीडिया देशहित में 'उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार', 'गोपनीय एवं विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार', 'नाम न छापने की शर्त पर वरिष्ठ अधिकारी ने बताया' जोड़कर खबर दे सकता है। संवाद कुछ-कुछ 'शोले' के जय और बसंती की मौसी के बीच उस दृश्य की तर्ज पर हुआ जिसमें जय मौसी को बसंती की शादी अपने दोस्त वीरू से करने के लिए राज़ी करने की कोशिश कर रहा है। और आखिरकार मौ...