हिचकॉक की फिल्म 'रिबेका' की नक़ल कर बनी 'कोहरा' का मनुहार गीत है, 'ये नयन डरे-डरे'। अपमानित व उपेक्षित महसूस कर रही पत्नी को पति मनाने की कोशिश कर रहा है और इस एक गीत में राजश्री उर्फ राज (वहीद रहमान), जो अमित (बिस्वजीत) की दूसरी पत्नी है, अमित की पहली पत्नी पूनम की मौत के बावजूद उसकी वैवाहिक जीवन में ग्रहण जैसी उपस्थिति से आक्रांत है, अमित की प्रेमिका बनती है और फिर मांग में सिंदूर भरवा कर पत्नी का हक पाती है। मुखड़ा है : ये नयन डरे-डरे ये जाम भरे-भरे ज़रा पीने दो कल की किसको खबर इक रात होके निडर मुझे जीने दो फिल्मांकन यों है कि राज कमरे से निकल बाहर आई है, अमित पीछे आता है। गाना शुरू करता है। उसकी आंख से आंसू पोंछता है। अंतरा शुरू होने से पहले आईने में खुद को देखना अपनी अलहदा खूबसूरती के प्रति उसे आश्वस्त करता है। वह पारंपरिक तौर पर गोरी-चिट्टी खूबसूरत नहीं है जैसे पूनम के बारे में वह सुनती रही है। एक हल्की मुस्कुराहट पहली बार राज के चेहरे पर अंतरे में आती है जब वह कहता है रात हसीं, ये चांद हसीं, तू सबसे हसीं मेरे दिलबर और फिर राज की झुकी पलकें उठती हैं, ...